देवी चन्द्रघण्टा माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों में तृतीय रूप हैं। देवी पार्वती ने भगवान शिव से विवाह के पश्चात

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देवी चन्द्रघण्टा माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों में तृतीय रूप हैं। देवी पार्वती ने भगवान शिव से विवाह के पश्चात
देवी कूष्माण्डा माँ दुर्गा का चतुर्थ स्वरूप हैं। यह रूप ब्रह्मांड की उत्पत्ति और जीवन की ऊर्जा का प्रतीक है।
देवी सिद्धिदात्री माँ दुर्गा का नौवां स्वरूप हैं। उनका यह रूप सभी सिद्धियों की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रसिद्ध
देवी महागौरी माँ दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं। उनका यह रूप पवित्रता, शांति, और ज्ञान का प्रतीक है। उनकी आराधना
देवी कात्यायनी माँ दुर्गा का छठा स्वरूप हैं। वे देवी पार्वती का योद्धा रूप हैं, जो महिषासुर जैसे दानवों का
देवी कालरात्रि माँ दुर्गा का सातवां रूप हैं। यह देवी पार्वती का सबसे उग्र और भयंकर स्वरूप है, जिसे शुम्भ
देवी स्कन्दमाता माँ दुर्गा का पञ्चम स्वरूप हैं। वे भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) की माता हैं और इस कारण उन्हें स्कन्दमाता
देवी ब्रह्मचारिणी माँ दुर्गा का दूसरा स्वरूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। उनका नाम उनकी
देवी शैलपुत्री नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों में प्रथम स्वरूप हैं। “शैलपुत्री” का अर्थ है “पर्वतराज की पुत्री,”
Chhath Puja एक ऐसा पर्व है जो पूरी निष्ठा, पवित्रता और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य