Nagri Ho Ayodhya Si Lyrics
नगरी हो अयोध्या सी” एक बहुत ही सुंदर और भक्तिमय भजन है जो भगवान श्री राम की महिमा का गुणगान करता है। इस भजन में भक्त भगवान राम से प्रार्थना करते हैं कि उनका जीवन अयोध्या जैसा पवित्र और शांतिपूर्ण हो जाए, जहाँ भगवान राम का वास हो। भजन के बोल अत्यंत ही सरल और हृदयस्पर्शी हैं, जो हर भक्त के मन में रामभक्ति की भावना को जागृत करते हैं।
इस भजन के मुख्य भाव हैं कि जैसे भगवान राम ने अयोध्या को अपनी उपस्थिति से पवित्र किया था, वैसे ही भक्त अपने जीवन में भगवान राम का वास चाहते हैं। इस भजन में श्री राम के साथ-साथ माता सीता, भगवान लक्ष्मण और हनुमान जी की स्तुति भी की जाती है। भक्त अपने जीवन को अयोध्या नगरी के समान बनाने की कामना करते हैं, जहाँ हर दिशा में केवल प्रेम, शांति और धर्म का वास हो।
इस भजन के माध्यम से भक्त भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे उनके जीवन में भी वैसा ही आनंद और समृद्धि लाएँ जैसा अयोध्या में भगवान राम के शासनकाल में था। भजन का हर शब्द रामराज्य के आदर्श जीवन की कल्पना करता है, जहाँ न्याय, धर्म, और स्नेह का राज्य हो।
Nagri Ho Ayodhya Si Bhajan
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।
और चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
हो त्याग भारत जैसा,
सीता सी नारी हो ।
और लवकुश के जैसी
संतान हमारी हो ॥
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।
और चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
श्रद्धा हो श्रवण जैसी,
शबरी सी भक्ति हो ।
और हनुमत के जैसी
निष्ठा और शक्ति हो ॥
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।
और चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
मेरी जीवन नैया हो,
प्रभु राम खेवैया हो ।
और राम कृपा की सदा
मेरे सर छय्या हो ॥
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।
और चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
सरयू का किनारा हो,
निर्मल जल धारा हो ।
और दरश मुझे भगवन
हर घडी तुम्हारा हो ॥
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।
कौशल्या सी माई हो,
लक्ष्मण सा भाई ।
और स्वामी तुम्हारे जैसा,
मेरा रघुराई हो ॥
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।
श्रद्धा हो श्रवण जैसी,
शबरी सी भक्ति हो ।
हनुमान के जैसे निष्ठा,
और शक्ती हो ॥
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
Jai Shree Ram