गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। यह दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है और भगवान श्रीकृष्ण की लीला से जुड़ा है। इस पर्व में गोवर्धन पर्वत, गौ माता और अन्नकूट भोग का विशेष महत्व है। Govardhan Puja 2025 बुधवार, 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुलवासियों को इंद्रदेव के प्रकोप से बचाया था।
Govardhan Puja Kab Hai?
गोवर्धन पूजा 2025 के बारे में जानना चाहते हैं तो इसका जवाब है: Govardhan Puja Kab Ki Hai? यह पूजा 22 अक्टूबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी।
Govardhan Puja दिवाली के ठीक अगले दिन मनाई जाती है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति का सम्मान करना और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करना है।
Govardhan Puja Timing (गोवर्धन पूजा का समय)
Govardhan Puja Time इस प्रकार है:
- प्रातःकाल मुहूर्त: सुबह 06:26 AM से 08:42 AM तक।
अवधि: 2 घंटे 16 मिनट। - सायंकाल मुहूर्त: दोपहर 03:29 PM से शाम 05:44 PM तक।
अवधि: 2 घंटे 16 मिनट। - प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05:54 PM।
- प्रतिपदा तिथि समाप्त: बुधवार, 22 अक्टूबर 2025 को रात 08:16 PM।
यह समय गोवर्धन पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दौरान पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण और गौ माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
गोवर्धन पूजा का धार्मिक महत्व (Religious Significance of Govardhan Puja)
Govardhan Puja 2025 का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए संदेश को याद करना है कि हमें प्रकृति और पशुधन का सम्मान करना चाहिए।
- गोवर्धन पर्वत का महत्व:
भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के प्रकोप से गोकुलवासियों को बचाने के लिए अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया। इस घटना ने यह सिखाया कि इंसान को अहंकार त्याग कर प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। - गौ माता की पूजा:
गौ माता को भारतीय संस्कृति में पवित्र और पूजनीय माना गया है। गोवर्धन पूजा पर गौ माता की पूजा करके उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। - अन्नकूट भोग का महत्व:
अन्नकूट पूजा भगवान को भक्ति और कृतज्ञता अर्पित करने का एक तरीका है। इस दिन विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर भगवान को अर्पित किए जाते हैं।
गोवर्धन पूजा की परंपराएँ (Traditions of Govardhan Puja)
Govardhan Puja 2025 में इन परंपराओं का पालन किया जाएगा:
- गोवर्धन पर्वत की पूजा:
लोग गोबर, मिट्टी, फूल और पत्तों से गोवर्धन पर्वत की प्रतीकात्मक आकृति बनाते हैं। इस आकृति की पूजा की जाती है, जिसे “गोवर्धन पर्वत” का रूप माना जाता है। - अन्नकूट भोग तैयार करना:
इस दिन घरों में अन्नकूट के नाम से विशेष भोग तैयार किया जाता है। इसमें 56 प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित किया जाता है। - गौ माता की पूजा:
गौ माता को स्नान कराकर उन्हें सजाया जाता है। उनके सींगों पर रंग लगाया जाता है और गले में फूलों की माला पहनाई जाती है। उन्हें ताजे चारे और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है। - भक्ति गीत और कीर्तन:
लोग गोवर्धन पूजा के दौरान भगवान कृष्ण के भजन और कीर्तन गाते हैं। मंदिरों और घरों में भक्ति का माहौल छा जाता है। - दान और परोपकार:
इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और धन दान करने का विशेष महत्व है।
Govardhan Puja और अन्नकूट का महत्व
अन्नकूट शब्द का अर्थ है “अनाज का पहाड़”। Govardhan Puja 2025 के दिन भगवान को अन्नकूट का भोग अर्पित किया जाएगा। इसे भगवान की कृपा का प्रतीक माना जाता है।
- भोग में शामिल व्यंजन: खिचड़ी, पूड़ी, मिठाई, चावल, कढ़ी, और सब्जियाँ।
- अन्नकूट पूजा भगवान को धन्यवाद देने और आभार प्रकट करने का प्रतीक है।
आधुनिक समय में गोवर्धन पूजा (Modern Ways to Celebrate Govardhan Puja)
आजकल लोग गोवर्धन पूजा को पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ पर्यावरण-अनुकूल और आधुनिक रूपों में मनाने लगे हैं।
- प्राकृतिक सामग्री का उपयोग:
गोवर्धन पर्वत बनाने के लिए प्राकृतिक चीजों जैसे गोबर, मिट्टी और फूलों का उपयोग किया जाता है। - डिजिटल भक्ति:
ऑनलाइन आरती और वर्चुअल पूजा में भाग लेने का प्रचलन बढ़ा है। - Eco-Friendly पूजा:
लोग प्लास्टिक या हानिकारक सामग्री के बजाय पर्यावरण-अनुकूल साधनों का उपयोग कर रहे हैं। - दान का महत्व:
इस दिन लोग जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े दान करते हैं।
FAQs: Govardhan Puja 2025 के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. Govardhan Puja Kab Hai?
A1. Govardhan Puja 2025 बुधवार, 22 अक्टूबर को है।
Q2. Govardhan Puja Time क्या है?
A2. Govardhan Puja Timing प्रातःकाल: 06:26 AM से 08:42 AM और सायंकाल: 03:29 PM से 05:44 PM तक है।
Q3. गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है?
A3. गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा का स्मरण है। यह प्रकृति और गौ माता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है।
Q4. Govardhan Puja Kab Ki Hai?
A4. Govardhan Puja दिवाली के अगले दिन, 22 अक्टूबर 2025 को है।
Q5. गोवर्धन पूजा में क्या विशेष होता है?
A5. गोवर्धन पर्वत, अन्नकूट भोग और गौ माता की पूजा इस दिन के मुख्य आकर्षण हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
Govardhan Puja 2025 भक्ति, प्रकृति और सेवा का पर्व है। यह त्योहार हमें भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति के साथ-साथ पर्यावरण और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा देता है। इस गोवर्धन पूजा पर, हम सब मिलकर प्रकृति का सम्मान करें और इस पर्व को एकता, सामूहिकता और आनंद के साथ मनाएँ।