राखी (Rakhi) भारतीय संस्कृति का एक अहम त्योहार है, जो भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के पवित्र बंधन को समर्पित है। हर साल यह पर्व पूरे भारत में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। राखी 2025 (Rakhi 2025) में भी यह त्योहार 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधती हैं और उनके सुखद भविष्य की कामना करती हैं। आइए, जानते हैं राखी 2025 (Rakhi 2025) के शुभ मुहूर्त, इस पर्व का महत्व, इतिहास और इससे जुड़े खास पहलू।
Rakhi 2025 Muhurat
राखी: शनिवार, 9 अगस्त 2025
राखी बांधने का शुभ समय: सुबह 5:47 से दोपहर 1:24 तक
अवधि: 7 घंटे 37 मिनट
भद्रा काल: सूर्योदय से पहले समाप्त हो गया है।
पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:12 बजे
पूर्णिमा तिथि का समापन: 9 अगस्त 2025 को दोपहर 1:24 बजे
Rakhi 2025 Kab Hai?
राखी 2025 (Rakhi 2025) इस वर्ष शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन पूर्णिमा तिथि का शुभ समय और भद्रा काल का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है।
Rakhi का इतिहास और महत्व
Rakhi का इतिहास
Rakhi की परंपरा का उल्लेख कई पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं में मिलता है।
- पौराणिक कथा: जब भगवान इंद्र दैत्यों के साथ युद्ध में हार रहे थे, तो उनकी पत्नी इंद्राणी ने उन्हें रक्षा सूत्र बांधा। इसे धारण कर उन्होंने विजय प्राप्त की।
- महाभारत कथा: द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की उंगली से रक्त बहने पर अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी रक्षा की थी। श्रीकृष्ण ने वचन दिया कि वे जीवन भर द्रौपदी की रक्षा करेंगे।
महत्व:
Rakhi का शाब्दिक अर्थ है “रक्षा का बंधन।”
- यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करता है।
- बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं।
- भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं।
- यह पर्व पारिवारिक बंधन को मजबूत करने के साथ समाज में प्रेम और एकता का संदेश देता है।
Rakhi 2025 की परंपराएं
- राखी की खरीदारी और सजावट:
बहनें अपने भाइयों के लिए सुंदर राखी (Rakhi) खरीदती हैं और थाली में रोली, चावल, मिठाई और राखी सजाती हैं। - पूजा और आरती:
भाई की आरती उतारकर उनकी कलाई पर राखी (Rakhi) बांधी जाती है। - उपहारों का आदान-प्रदान:
भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनके सुखद जीवन की कामना करते हैं। - भोजन और मिठाई:
राखी के दिन परिवार के लिए विशेष भोजन और मिठाइयां बनाई जाती हैं।
क्षेत्रीय विविधताएं और आधुनिक उत्सव
Rakhi (राखी) भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है।
- उत्तर भारत: पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा की जाती है।
- पश्चिम भारत: बहनें राखी बांधने के साथ भगवान की पूजा करती हैं।
- दक्षिण भारत: यह पर्व परिवार के सभी सदस्यों के साथ मनाया जाता है।
- महाराष्ट्र: यहां इसे “नारियल पूर्णिमा” के रूप में भी मनाया जाता है।
आधुनिक समय में राखी:
आजकल Rakhi (राखी) को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से ऑर्डर किया जाता है।
- ई-राखी: टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बहनें अपने भाइयों को वर्चुअल राखी भेजती हैं।
- इको-फ्रेंडली राखियां: पर्यावरण के प्रति जागरूकता के चलते लोग इको-फ्रेंडली राखियों का उपयोग करते हैं।
Rakhi 2025 FAQs (Frequently Asked Questions)
Q1: Rakhi 2025 kab hai?
Ans: Rakhi 2025 शनिवार, 9 अगस्त को है।
Q2: Rakhi 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है?
Ans: शुभ मुहूर्त सुबह 5:47 से दोपहर 1:24 बजे तक है।
Q3: भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए?
Ans: भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इसलिए इसे हमेशा भद्रा काल के बाद ही बांधना चाहिए।
Q4: क्या Rakhi का त्योहार केवल भाई-बहन के लिए है?
Ans: नहीं, Rakhi हर उस संबंध को मजबूत करता है जिसमें सुरक्षा और प्रेम हो।
Q5: Rakhi का पौराणिक महत्व क्या है?
Ans: पौराणिक कथाओं में इंद्राणी और द्रौपदी के उदाहरण Rakhi के महत्व को दर्शाते हैं।
निष्कर्ष
Rakhi 2025 भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। यह पर्व न केवल हमारे रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है। इस राखी पर अपने प्रियजनों के साथ इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाएं और इसे यादगार बनाएं।
Rakhi 2025 की शुभकामनाएं!