होलीका दहन 2025 हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन होली जलाने की परंपरा को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। होलीका दहन के पीछे की कहानी हमें बताती है कि कैसे भक्ति और सत्य की जीत होती है, चाहे कठिनाइयाँ कितनी भी बड़ी क्यों न हों। भक्त प्रह्लाद और होलिका की कथा इसी सत्य को दर्शाती है।
होलीका दहन गुरुवार, 13 मार्च 2025 को
होलीका दहन मुहूर्त – रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक, 14 मार्च
अवधि – 01 घंटा 04 मिनट
रंगवाली होली शुक्रवार, 14 मार्च 2025 को
भद्रा पुच्छ – शाम 06:57 बजे से 08:14 बजे तक
भद्रा मुख – रात 08:14 बजे से 10:22 बजे तक
प्रदोष काल में भद्रा के साथ होलीका दहन
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे
होलीका दहन 2025 की तिथि और समय (Holika Dahan 2025 Date and Time)
होलीका दहन 2025 की तिथि 13 मार्च को है। यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो होली के एक दिन पहले आता है। इस दिन, रात्रि में शुभ मुहूर्त के अनुसार होली जलाई जाती है। 2025 में होलीका दहन का शुभ मुहूर्त रात को 6:24 PM से 8:51 PM तक रहेगा। इस समय को अत्यंत शुभ माना जाता है और इसी दौरान होलीका दहन करना उचित होता है।
होलीका दहन का महत्व (Significance of Holika Dahan)
होलीका दहन बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद ली थी, जो अग्नि में जलने से सुरक्षित रहती थी। लेकिन प्रह्लाद की ईश्वर भक्ति और सत्य की जीत हुई, और होलिका अग्नि में जल गई जबकि प्रह्लाद सुरक्षित रहे। इस घटना के उपलक्ष्य में होलीका दहन का आयोजन किया जाता है।
होलीका दहन की परंपराएँ (Holika Dahan Traditions)
- होलीका सजाना: होली से कुछ दिन पहले से ही लकड़ियाँ और अन्य सामग्री इकट्ठी की जाती है, जिससे होलीका की चिता बनाई जाती है। इसे विभिन्न स्थानों पर तैयार किया जाता है और इस पर पूजा सामग्री अर्पित की जाती है।
- होलीका की पूजा: होलीका दहन से पहले लोग उसकी पूजा करते हैं। पूजा में नारियल, फूल, धूप, रंग और मिष्ठान्न चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि होलीका की पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
- अग्नि प्रज्वलन: शुभ मुहूर्त में होलीका दहन किया जाता है। लोग अग्नि के चारों ओर परिक्रमा करते हैं और अपनी मनोकामनाएँ प्रकट करते हैं। साथ ही गेहूँ की बालियाँ भी आग में भुनी जाती हैं और उनका प्रसाद ग्रहण किया जाता है।
होलीका दहन कैसे मनाएँ? (How to Celebrate Holika Dahan?)
- पूजा की तैयारी: होलीका दहन की पूजा में जल, नारियल, धूप, फूल, रोली, मिष्ठान्न और रंगों का प्रयोग होता है। पूजा के स्थान को साफ-सुथरा करके होलीका की स्थापना की जाती है।