बुधवार व्रत कथा | Budhwar Vrat Katha in Hindi
हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन का विशेष महत्व होता है और बुधवार का दिन बुद्धदेव से संबंधित होता है, जो ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं। बुध ग्रह को ज्ञान, कार्य, बुद्धि, और व्यापार का कारक माना जाता है। यदि किसी की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में हो, तो बुधवार का व्रत रखना शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे बुध ग्रह की नकारात्मक प्रभावों से बचाव होता है।
बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से घर में धन की कमी नहीं होती, फिजूलखर्ची से बचाव होता है और घरेलू क्लेश समाप्त होते हैं।
पौराणिक कथा
प्राचीनकाल में एक व्यक्ति अपनी पत्नी को लेने अपने ससुराल गया। वहाँ कुछ दिन ठहरने के बाद, जब वह अपनी पत्नी को लेकर घर लौटने लगा, तो सास-ससुर ने उसे बताया कि आज बुधवार है और इस दिन यात्रा करना शुभ नहीं होता। लेकिन व्यक्ति ने उनकी बातों को नजरअंदाज करते हुए रथ पर सवार होकर घर की ओर प्रस्थान किया।
रास्ते में, जब उसकी पत्नी को अत्यधिक प्यास लगी, तो उसने अपने पति से पानी लाने के लिए कहा। पति ने रथ रोककर नदी से पानी भरा और जब वापस लौटा, तो उसने देखा कि रथ पर एक व्यक्ति उसके समान वेशभूषा में बैठा हुआ था, जो उसकी पत्नी के बगल में था। यह देखकर वह व्यक्ति क्रोधित हो गया और उसने पूछताछ की कि यह व्यक्ति कौन है और उसकी पत्नी के बगल में क्यों बैठा है।
दूसरे व्यक्ति ने जवाब दिया कि यह उसकी पत्नी है और वह उसे अपने ससुराल से विदा करवा रहा है। दोनों लोग पत्नी को लेकर झगड़ने लगे, और तभी राज्य के सिपाही मौके पर पहुंचे। उन्होंने महिला से पूछा कि उसका असली पति कौन है। महिला असमंजस में थी क्योंकि दोनों व्यक्ति एक जैसे थे और वह अपने असली पति को पहचान नहीं पा रही थी।
जब महिला असली पति को पहचानने में असमर्थ रही, तो व्यक्ति ने भगवान से प्रार्थना की, “हे भगवान, यह कैसी लीला है कि मैं सत्य और असत्य में भेद नहीं कर पा रहा हूं?” तभी आकाशवाणी हुई, “मूर्ख, आज बुधवार के दिन यात्रा करने का फल तुम्हें भोगना पड़ा। यदि तुम चाहते हो कि यह स्थिति समाप्त हो जाए, तो अपनी गलती की माफी मांग लो।”
व्यक्ति ने दिल से बुधदेव से क्षमा मांगी और उसी समय बुधदेव की लीला समाप्त हो गई। वह और उसकी पत्नी घर वापस लौटे और श्रद्धापूर्वक बुधवार का व्रत करने लगे। इससे उन्हें बुधदेव की कृपा प्राप्त हुई और उनका जीवन सुख-शांति से भर गया।
इस प्रकार, जो भी व्यक्ति हर बुधवार को इस कथा को सुनता है और उचित व्रत करता है, उसे बुधवार के दिन यात्रा करने से संबंधित दोष नहीं लगता और उसके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।