ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।
अर्थ:
यक्षाय: यक्षों के स्वामी, जो धन के रक्षक माने जाते हैं।
कुबेराय: भगवान कुबेर को नमस्कार।
वैश्रवणाय: कुबेर का दूसरा नाम, जो विश्रवा के पुत्र हैं।
धनधान्याधिपतये: धन और अन्न के स्वामी।
धनधान्यसमृद्धिं: धन और अन्न की प्रचुरता प्रदान करें।
इस मंत्र का जाप करने से भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को धन-समृद्धि मिलती है।
कुबेर धन प्राप्ति मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।
अर्थ: Meaning of Kuber Mantra
ॐ: ईश्वर का सर्वव्यापी स्वरूप।
श्रीं: धन और समृद्धि की बीज ध्वनि।
ह्रीं: आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति की बीज ध्वनि।
क्लीं: आकर्षण और शक्ति का प्रतीक।
वित्तेश्वराय: धन के देवता कुबेर को संबोधित करता है।
नमः: विनम्र प्रणाम और समर्पण।
मंत्र का प्रभाव:
यह मंत्र कुबेर भगवान को समर्पित है और इसका नियमित जाप धन और समृद्धि प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। इस मंत्र का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से आर्थिक स्थिति में सुधार और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।