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गणेश स्तोत्र: Ganesh Stotram

Ganesh Stotram: सर्वप्रथम पूजित देवता, विघ्नहर्ता श्री गणेश हर कार्य को सफल बनाने की शक्ति रखते हैं। यानी कि आपके सभी मनोरथ और इच्छाएं श्री गणेश की कृपा से पूर्ण हो सकते हैं। जैसा कि सभी जानते हैं, श्री गणेश को देवताओं में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसी प्रकार, उनके स्तोत्र का भी अत्यधिक महत्व है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर शिवनंदन श्री गणेश की कृपा हो जाती है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

इस स्तोत्र में श्री गणेश के बारह नामों का सुमिरन किया गया है। यदि आप श्री गणेश की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। आइए, हम श्री गणेश की स्तुति का पाठ आरंभ करते हैं।

श्री गणेश का संकटनाशन स्तोत्र

प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।

भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।

तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।।

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।

सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।।

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।

एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।।

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।

न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।

पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।।

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।

संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।।

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।

तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।।

॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

श्री गणेश स्तोत्र के लाभ:

श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करने से सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य भी गणेश स्तोत्र (Ganesh Stotram) के नियमित पाठ की सलाह देते हैं, क्योंकि भगवान गणेश ज्ञान और बुद्धि के दाता हैं। जो व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहता है या शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है, उसे विशेष रूप से गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके अलावा, यह स्तोत्र आपके करियर में उन्नति और प्रगति में भी सहायक होता है, क्योंकि तरक्की आपके कार्य और बुद्धि पर निर्भर करती है। जो लोग अपने जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं चाहते, उन्हें भी श्री गणेश स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ अवश्य करना चाहिए। भगवान गणेश की कृपा से आपके सभी कार्य पूर्ण होंगे और जीवन में सफलता मिलेगी।

श्री गणेश स्तोत्र पाठ विधि:

यदि आप भगवान गणेश की पूजा विधि-विधान के साथ शास्त्रों के अनुसार करना चाहते हैं, तो आपको संस्कृत की अच्छी समझ होनी चाहिए, क्योंकि गणेश पूजन में वेद मंत्रों का उच्चारण होता है। यदि आपको वेद मंत्रों का ज्ञान नहीं है, तो आप नाम-मंत्रों से भी पूजा कर सकते हैं। सबसे पहले प्रतिदिन की तरह शुद्ध होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। यदि आपके पूजा घर में पहले से गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है, तो गंगाजल से उसका छिड़काव करें। इसके बाद भगवान गणेश का आह्वान करें और चंदन, धूप, दीप अर्पित करके श्रद्धापूर्वक गणेश स्तोत्र (Ganesh Stotram in hindi) का पाठ करें। पाठ समाप्त होने के बाद आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

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