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हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम – मंत्र Hanuman Dwadash Naam Stotram

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम- Hanuman Dwadash Naam Stotram

भगवान हनुमान के बारह पवित्र नामों की महिमा का वर्णन करता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान हनुमान की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। भगवान हनुमान अपने भक्तों के संकटों का नाश करते हैं और उन्हें शक्ति, साहस, और सुरक्षा प्रदान करते हैं। द्वादश नाम स्तोत्रम का पाठ अत्यधिक प्रभावशाली और शीघ्र फलदायी माना जाता है।

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम के लाभ:

  1. संकटों से मुक्ति: हनुमान जी संकटमोचन कहलाते हैं। इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन के सभी प्रकार के संकटों और समस्याओं का निवारण होता है।
  2. शत्रुओं पर विजय: हनुमान जी के द्वादश नामों का पाठ करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। उनके आशीर्वाद से शत्रुओं की बुरी योजनाएं विफल हो जाती हैं।
  3. नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा: हनुमान जी के बारह पवित्र नामों का जप करने से व्यक्ति नकारात्मक शक्तियों, बुरी नजर और तंत्र-मंत्र से सुरक्षित रहता है।
  4. भय और चिंता से मुक्ति: इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के मन से सभी प्रकार के भय, तनाव और चिंता समाप्त हो जाते हैं। भगवान हनुमान की कृपा से मन में शांति और स्थिरता आती है।
  5. आत्मबल और साहस: हनुमान जी के द्वादश नामों का पाठ करने से व्यक्ति को आत्मबल और साहस प्राप्त होता है। यह स्तोत्र शारीरिक और मानसिक बल को बढ़ाता है।
  6. रोगों से मुक्ति: इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से रोग और शारीरिक कष्ट समाप्त होते हैं। हनुमान जी की कृपा से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  7. सुख-समृद्धि का आशीर्वाद: हनुमान जी के बारह पवित्र नामों का जप करने से जीवन में सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। हनुमान जी का आशीर्वाद घर-परिवार में खुशहाली लाता है।
  8. आध्यात्मिक उन्नति: हनुमान जी के द्वादश नामों का पाठ करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह साधना और ध्यान में एकाग्रता बढ़ाता है।

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम का पाठ विधि:

  1. स्नान और शुद्ध वस्त्र धारण करें: सबसे पहले स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ रखें और हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने आसन लगाएं।
  2. दीपक और धूप जलाएं: पूजा स्थल पर दीपक और धूप जलाएं। हनुमान जी को लाल पुष्प, गुड़-चना, और सिंदूर अर्पित करें। अगर संभव हो तो हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।
  3. आचमन और संकल्प लें: पूजा शुरू करने से पहले अपने हाथों को शुद्ध करें और संकल्प लें कि आप भक्ति और श्रद्धा के साथ हनुमान जी के द्वादश नामों का पाठ करेंगे।
  4. हनुमान जी का ध्यान करें: अब हनुमान जी का ध्यान करें और उनसे अपने जीवन के कष्टों का निवारण करने की प्रार्थना करें। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूरे मन से उनका स्मरण करें।
  5. हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम का पाठ करें: श्रद्धा और एकाग्रता के साथ हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम का पाठ करें। इस स्तोत्र का पाठ करते समय भगवान हनुमान के अद्वितीय रूप और गुणों का ध्यान करें।

॥ श्री हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र ॥
हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल: ।
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम: ॥

उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा ॥

एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन: ।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत् ॥

तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।
राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन ॥

हनुमानजी के 12 नाम:
1- हनुमान
2 – अंजनिपुत्र
3 – वायुपुत्र
4 – महाबल
5 – रामेष्ट
6 – फाल्गुनसखा
7 – पिंगाक्ष
8 – अमितविक्रम
9 – उदधिक्रमण
10 – सीताशोकविनाशन
11 – लक्ष्मणप्राणदाता
12 – दशग्रीवस्य दर्पहा


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